मेरा यह लेख लिखने का मात्र तात्पर्य यह है कि सरकारी कर्मचारीयो से व्यक्तिगत कार्य लेना सरकारी नियमो के विपरीत है ।कम पढी होने के कारण ,नियमो की जानकारी न होने के कारण ऐसी महिला चपरासी डरी डरी रहती है ।
ऐसी महिला चपरासीयो को इसकी लिखित शिकायत बिना डरे उत्पीड़न करने वाले अधिकारी से उपर के अधिकारी से करनी चाहिए और उसकी प्रतिलिपि सभी बड़े अधिकारीयो को तथा महिला आयोग तक देनी चाहिए और सारी बातो का उल्लेख करना चाहिए यदि डराया धमकाया गया हो तो उसका भी विवरण होना चाहिए ।इसके साथ ही जितने मीडिया के लोग है, सामाजिक संगठन हो, अधिवक्ता समाज हो ।सभी को इस तरह की बातो मे पीड़ित पक्ष का समर्थन करना चाहिए ।कारण साफ है वेतन सरकारी कार्य करने का मिलता है ।बंगले का काम करने का नही ।