मुम्ब ई(महाराष्ट्र)- महाराष्ट्र में इस समय यह बात जोरों पर है कि अजीत पवार, जो शरद पवार के भतीजे हैं उनका पार्टी पर वर्चस्व को लेकर शरद पवार की पुत्री सुप्रिया सूले से भयंकर विवाद छिडा़ हुआ है और इसी कारण प्रेशर पालिटिक्स के तहत एन सीपी के 40 विधायकों के साथ बीजेपी में जाने वाले हैं,इस पर सफाई देते हुए यहां तक कहा कि वह आजीवन एनसीपी नहीं छोडे़ंगे, लेकिन शरद पवार चौकन्ने हो गये हैं उन्होने अडानी से भी मुलाकात की है और उनके ही सहयोगी राहुल गांधी के जेपीसी मांग को अनावश्यक बता दिया साथ ही प्रधान मंत्री मोदी जी के डिग्री विवाद को भी अनावश्यक बता कर बीजेपी से भी अपनी नजदीकी जाहिर कर महाअघाडी़ को भी असमंजस में डाल दिया है यहां यह बताना भी आवश्यक है कि नागालैण्ड में भी बीजेपी सरकार को एनसीपी समर्थन दे रही है।यहां बीजेपी की भी महाराष्ट्र में अपनी मजबूरीयां है क्योंकि अधिकांश सर्वे में महाराष्ट्र में महाअघाडी़ को बीजेपी गठबंधन के मुकाबले काफी आगे बताया जा रहा है।इसलिए बीजेपी भी आपरेशन लोटस करना चाह रही है इधर अजित पवार के विधायकों के साथ भाजपा में जाने से शिवसेना शिंदे गुट के विधायक भी चौकन्ने हो गये हैं ।चौथी जो सबसे महत्वपूर्ण बात सुप्रिया सूले की महत्वाकांक्षा को लेकर है जो महाराष्ट्र की प्रथम महिला मुख्यमंत्री बनने की है और उनके पीछे पिता शरद पवार हैं जो 2024 के लोकसभा चुनाव तक चतुर खिलाडी़ की भांति अपने दोनों हाथों में लड्डू रखना चाहते हैं और अजीत पवार की सारी समस्या की यही जड़ है। एनसीपी के दो दिवसीयअधिवेशन में पोस्टरों पर से अजीत पवार का नाम गायब है अजीत पवार भी जानकारी के मुताबिक इस सम्मेलन में अनुपस्थित रहेंगे। अतिशीघ्र ही महाराष्ट्र की राजनीति में शीघ्र ही धमाका होने वाला है । सम्पादकीय-News 51.in