अब तक कांग्रेस को धता बताकर के.चंद्रशेखर राव उद्धव ठाकरे,स्टालिन, अखिलेश यादव,नीतिश कुमार, तेजस्वी यादव ,केजरीवाल जैसे नेताओं से मिलकर भाजपा और कांग्रेस विहीन दलों को मिलाकर लोकसभा का चुनाव लड़ने का एलान करने वाली ममता बनर्जी ने आखिर सबसे पहले कांग्रेस को 200 उन सीटों पर चुनाव लड़ने की नसीहत देते यह कह डाला कि कर्नाटक में उनकी पार्टी चुनाव इसीलिए नहीं लडी़ कि भाजपा को फायदा न हो।जहां सीधी लडा़ई कांग्रेस और भाजपा की है उन्ही राज्यों में सिर्फ कांग्रेस लडें, यही बात केजरीवाल ने भी कुछ दिनों पहले कही थी ।जबकि असलियत में केजरीवाल या ममता बनर्जी ने भरपूर प्रयास कांग्रेस को डैमेज करने का कर लिया लेकिन छोटे मोटे राज्यों जैसे गोवा ,त्रिपुरा तथा एक दो अन्य राज्यों में कांग्रेस को थोडा़ बहुत नुक्सान भी पहुंचाया ।पंजाब चुनाव कांग्रेस नेताओं आपसी सिर फुटौवल और खासकर नवजोत सिद्धू जैसे नेताओं की महत्वकांक्षा के चलते वहां केजरीवाल जीत गये।,अब जब बडें राज्यों की बात करें तो वहां इन दोनों दलों की दाल गलने वाली नहीं है तो ये जहां हैं लोकसभा चुनाव तक कांग्रेस इन राज्यों में पैठ न करने पाए,यही इन दोनों दलों की चालाकी है अन्यथा आजतक तो ये कांग्रेस खासकर राहुल गांधी को फूटी आंख देखना पसंद नहीं करते थे। खासकर ममता बनर्जी के लिए ज्यादा मुसीबत है क्योंकि पश्चिम बंगाल के अल्पसंख्यक जिनके बल पर मायावती अपना प्रमुख वोटर समझती थीं , हाल में हुए अल्पसंख्यक बहुली मुर्शिदाबाद जिले के सागर दिघी विधान सभा में हुए उपचुनाव में अल्पसंखयकों के वोट के भरोसे ममता बनर्जी की पार्टी को सालों बाद कांग्रेस ने हरा दिया था तब ममता बनर्जी ने भविष्य में कांग्रेस का साथ न देने का वादा किया था ,सम्भवतः इसी उप चुनाव के बाद और हाल में कांग्रेस के बढते कदम( हिमांचल और कर्नाटक विधान सभा चुनाव में कांग्रेस की जीत) से डरी ममता इस शर्त पर कांग्रेस के साथ आने को राजी हुई हैं कि कांग्रेस पश्चिम बंगाल में लोक सभा चुनाव न लडे़,जबकि कांग्रेस के लिए पश्चिम बंगाल में वाममोर्चा के साथ पुनः वापसी का इससे बेहतर मौका शायद ही मिले। इसीलिए कांग्रेस ममता बनर्जी की बात मान कर अपनी पार्टी का आत्मघाती कदम कत्त ई नहीं उठाएगी। सम्पादकीय-News51.in
ममता बनर्जी आखिर किस मजबूरी के चलते अब कांग्रेस की अगुवाई को सशर्त हुई तैयार, असल बात वह नहीं चाहती कि कांग्रेस पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव लडे़, क्या कांग्रेस ममता बनर्जी पर करेगी विश्वास
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