क्राइस्टचर्च (न्यूज़ीलैण्ड) – भारतीय क्रिकेट टीम ने अपना न्यूज़ीलैण्ड का दौरा पूरा कर लिया है जिसमें उसने 5 मैचों की टी 20 सीरीज, 3मैचों की वनडे सीरीज और 2 मैचों की टेस्ट सीरीज खेला। न्यूज़ीलैण्ड का दौरा भारतीय क्रिकेट टीम के लिए सदैव से एक चुनौती रही है। न्यूज़ीलैण्ड के खिलाड़ी अपनी जमीन और अपने देश के वातावरण में बेहद खतरनाक और प्रतिभा सम्पन्न दिखने लगते हैं जबकि अपने देश के बाहर साधारण नजर आने लगते हैं। सर्व प्रथम दौरे की शुरुआत 5 मैचों की टी 20 सीरीज से हुई जिसे भारत ने 5-0 से जीत लिया। उपर से देखने से लगता है भारत ने इस सिरीज के पांचो मैच जीत कर सिरीज को एक तरफा बना दिया है किंतु वास्तविकता ये है कि दो मैच टाई होने के बाद सुपर ओवर में भारत जीता, एक मैच न्यूज़ीलैण्ड जीतते -जीतते अचानक अंत में हार गया। फिर भी भारत ने इतिहास रचते हुए पहली बार वहाँ टी 20 सिरीज को जीता। इसके बाद 3मैचों की सिरीज में न्यूज़ीलैण्ड की टीम में कुछ बदलाव हुए जो बेहद महत्वपूर्ण और निर्णायक साबित हुए ।जिसमें सबसे महत्वपूर्ण रहा 25 वर्षीय ,6 फीट 8 इंच लम्बे आलराउंडर खिलाड़ी काइल जैमिसन का चुना जाना। जिसे वन डे के दो मैच खेलने का मौका मिला। जिसमें उसने तीन विकेट प्राप्त किए और उनकी इकनामी 4.75 रही। भारतीय बल्लेबाज उनकी उछाल लेती और स्विंग करती गेंदों पर रन बनाने के लिए जूझते नजर आये। और बल्लेबाजी करते हुए निचले क्रम में हर महत्वपूर्ण मौके पर रन बना कर न्यूज़ीलैण्ड को जीत दिलाई। इस तीन मैचों की सिरीज 3-0 से न्यूज़ीलैण्ड ने आसानी से जीत हासिल की। फिर आया दो टेस्ट मैच की सीरीज, उसमें न्यूज़ीलैण्ड की टीम में ट्रेंट बोल्ट भी टिम साउथी के साथ जुड़ गए और दूसरे मैच में नील बैगनर भी खेले अब तेज गेंदबाजों की जो भिन्न -भिन्न टाईप के गेंद बाजी की चौकडी न्यूज़ीलैण्ड ने तैयार की। दो मैच की टेस्ट सीरीज में भारतीय बल्लेबाजों के पास इसका कोई तोड़ नहीं रहा। टुकड़ों में एकाध भारत के बल्लेबाजों ने खेल दिखाया। सबसे ज्यादा 102 रन मयंक अग्रवाल ने बनाया 100 रन आजिंक्य रहाणे और 98 रन पृथ्वी शा ने बनाया। टिम साउथी न्यूज़ीलैण्ड की धरती और वातावरण में सर्वश्रेष्ठ हैं उन्होंने 2 मैचों में 14 विकेट, ट्रेंट बोल्ट 12और काइल जैमिसन ने 9 विकेट लिया। वहीं कालिन डी ग्रेंडहोम ने भी अपनी स्विंग करती गेंदों पर भारतीय बल्लेबाजों को खूब छकाया। नील बैगनर ने तेज और बाउंस लेती गेंदबाजी की दो बायें हाथ के तेज गेंदबाज और दो दायें हाथ के तेज गेंदबाज और एक मध्यम गति का स्विंग गेंद बाज। सभी ने हर ओवर में 2याअधिक बाउंसर गेंदो की झड़ी लगाई। भारतीय गेंदबाजों ने भी बाउंसर गेंदे फेकी और न्यूज़ीलैण्ड के बल्लेबाजों को न केवल परेशान किया बल्कि उनके विकेट भी चटकाए लेकिन उनके गेंदबाजों में वह विविधता नहीं थी जो न्यूज़ीलैण्ड के गेंदबाजों में थी। इस टेस्ट सिरीज के जीतने से आईसीसी वर्ड क्रिकेट में न्यूज़ीलैण्ड की टीम रैंकिंग में आस्ट्रेलिया को पीछे छोड़ते हुए नम्बर दो पर पहुंच गई है। भारत अभी पहले स्थान पर काबिज है। एक बात तो तय है भारतीय टीम पूरी तरह से विराट कोहली और रोहित शर्मा पर आश्रित है विराट कोहली उछाल और स्विंग लेती गेंदो पर पूरी तरह असहज रहे और वन डे सीरीज और टेस्ट सिरीज में साउथी के आगे बेबस नजर आये। उनपर बाउंसरों की बौछार भी खूब हुई। एक बात और तय है आने वाले समय में काईल जैमिसन के रूप में विश्व क्रिकेट को नया आलराउंडर सितारा मिलने वाला है जो शीघ्र ही विश्व का नंबरवन आलराउंडर साबित होगा ।वहीं चोट के बाद दुबारा वापसी कर रहे बुमराह अभी तक अपने सर्वश्रेष्ठ रूप में नहीं आ पा रहे हैं। शमी इस समय सर्वश्रेष्ठ फार्म में हैं ईशांत शर्मा का बार -बार घायल होना भी शायद ठीक नहीं रहा। क्योंकि उमेश यादव की गेंद बाजी में निरंतरता का अभाव है। ऋषभ पंत तेजी से अपनी विश्वसनीयता खो रहे हैं टेस्ट में रिद्धि मान शाहा को खिलाना था क्योंकि ऋषभ पंत की कीपिंग भी सामान्य है ऋषभ जितनी जल्दी अपनी मानसिकता पर और अपने बल्लेबाजी पर वर्क करें तो ही अपने साथ टीम का भी भला कर सकते हैं उन्हें सोचना होगा कि हर गेंद सिर्फ मारने के लिए नहीं है।
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