Saturday, July 27, 2024
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भारतीय क्रिकेट टीम ने आस्ट्रेलिया में रचा इतिहास, आस्ट्रेलिया में जीता पहली बार टेस्ट सीरीज

भारत की वर्तमान टीम ने आस्ट्रेलिया में इतिहास रच दिया। आस्ट्रेलिया को उसकी ही धरती पर हराने का सपना लिए कयी भारतीय दिग्गज खिलाड़ी और कप्तान गये लेकिन किसी भी भारतीय कप्तान और उनकी टीम को वह सफलता नहीं मिली जो वर्तमान भारतीय टीम और उनके कप्तान विराट कोहली ने कर दिखाया।
आज दर असल हम पिछली उन भारतीय टीमो और उनके कप्तानो की आस्ट्रेलिया में हुई असफलता और वर्तमान भारतीय टीम की सफलता और उनके कारणों के बारे मे चर्चा करना चाहते हैं। ऐसा नहीं है कि विराट कोहली अब तक के सबसे अच्छे कप्तान हैं। और उनकी टीम अब तक की सबसे अच्छी टीम है।
दर असल तब की टीमोऔर आज की टीम का सबसे बड़ा फर्क भारतीय टीम की गेंदबाजी है। आप इस बात को अच्छी तरह से जानते हैं कि मैच गेंदबाज ही जीता सकता है और बल्लेबाज मैच बचा सकता है और यह कहावत समय -समय पर सही भी साबित होता आया है। जब यह टीम आस्ट्रेलिया दौरे पर जा रही थी तब मैने दो बातें कही थी। एक तो यह कि वर्तमान आस्ट्रेलिया की टीम अब तक की सबसे कमजोर टीम है और अगर इस बार भारतीय टीम आस्ट्रेलिया को नहीं हरा पाई तो फिर उन्हें हराने में भारतीय टीम को शायद वर्षो लग जाएगा। दूसरी बात ये कि मैच गेंदबाज जिताते हैं और वर्तमान भारतीय टीम का गेंदबाजी आक्रमण (चाहे स्पिनर हो या तेजगेंदबाजी हो) विश्व में सर्वश्रेष्ठ है। जहाँ तक बल्लेबाजी की बात है तो भारतीय बल्लेबाजी पहले भी काफी अच्छी रहती थी और इस बार भी अच्छी थी। टी-टवंटी सीरीज मे ही यह स्पष्ट हो गया था कि आस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी बहुत कमजोर है और देर तक स्पिनर को नहीं खेल पाएंगे। जो कि टेस्ट में खेलना ही पड़ेगा। और यह भी तय हो गया था कि आस्ट्रेलिया की तेज गेंदबाजी के टक्कर की भारतीय तेज गेंदबाजी है जैसा सोचा गया था ठीक वैसा ही हुआ। पहले दो टेस्ट मैच में बराबरी का मुकाबला 1-1 पर रहा। उसका कारण आस्ट्रेलिया के दो तीन बल्लेबाजो की छिटपुट अच्छी बल्लेबाजी के कारण एक टेस्ट मैच किसी तरह आस्ट्रेलिया जीत पाया। किंतु दो बातें तय हो गई थी पहला स्पिनर को खेल पाने में अनुभवहीन आस्ट्रेलिया के बल्लेबाज अपने को असहाय पा रहे थे। दूसरा फर्क बुमराह की तेज रफ्तार की सटीक गेंदबाजी थी जिसने पूरी सीरीज में अंतर पैदा कर दिया। रही बल्लेबाजी की बात तो वो तेजेश्वर पुजारा के इर्दगिर्द घूमती रही। 521 रन बना कर मैन आफ द मैच और मैन आफ द सीरीज दोनों बने। इसके अलावा ऋषभ पंत की चर्चा करना भी आवश्यक है। जिन्होंने यह दर्शा दिया है कि वह महेन्द्र सिंह धोनी के सबसे सुयोग्य उत्तराधिकारी हैं। कयी विकेट कीपर (दिनेश कार्तिक, साहा आदि )आजमाए गए किंतु महेंद्र सिह धोनी का योग्य उत्तराधिकारी नही मिल पा रहा था। ऋषभ पंत ने पूरी सीरीज में धोनी की कमी नहीं खलने दी। और यह भी दर्शा दिया कि धोनी के रिटायर होने के बाद वह तीनो प्रारुप में भारतीय टीम काअभिन्न अंग होंगे।
एक बात स्पष्ट है कि आस्ट्रेलिया की टीम पुनर्निर्माण की प्रकिया में है और उसे समय की दरकार है उसे विश्व की मजबूत टीम बनने में कम से कम दो वर्ष का समय लगेगा। भारतीय टीम की इस जीत को कुल के बाद भी कम कर के नहीं नहीं आंका जा सकता। भारतीय टीम ने पहली बार आस्ट्रेलिया की टीम को आस्ट्रेलिया में हरा पाने का वर्षो पुराना सपना विराट कोहली और उनके साथीयों ने पूरा कर दिखाया है। इसके लिए विराट कोहली और उनके साथीयों को बहुत -बहुत बधाई ।
—सम्पादक की कलम से —

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