पटना – बिहार चुनाव के हार का कारण मीडिया और प्रधानमंत्री जी द्वारा बताया और प्रचारित किया जा रहा है कि मुख्य मंत्री नितिश कुमार द्वारा महिलाओं के पक्ष में किया गया कार्य ,जिसके कारण महिलाओं द्वारा नितिश कुमार और उसके गठबंधन के पक्ष में भारी संख्या में मतदान किया गया। इस तर्क के लिए कारण यह बताया जा रहा है कि पुरुषों की अपेक्षा पांच प्रतिशत महिलाओं ने अधिक मतदान किया है अगर यह बात सच है तो नीतिश कुमार की जेडीयू मात्र 43 सीट ही कैसे पाती और उससे कहीं अधिक सीट बीजेपी और राजद कैसे पा जाती? असलियत यह है कि यह दोनों बातें सही कारणों पर जानबूझ कर पर्दा डालने की नियत से कही जा रही है। असलियत यह है कि जानबूझ कर ओवैसी की पार्टी को हर उन राज्यों में विपक्ष का अल्पसंख्यक वोट काटने के लिए लड़ना। अगर यह बात विपक्ष बार -बार कह रहा है कि ओवैसी और मायावती की पार्टी अंदरखाने से भाजपा से मिले हैं तो इनमें मायावती ने स्वंयम ही अपने बयानों से साबित कर दिया है। शायद इसी कारण बसपा बिहार विधान सभा चुनाव में महागठबंधन को उतना नुकसान नहीं कर पाई और उत्तरप्रदेश के उपचुनावों में चौथे नम्बर पर आ गई ,उसकी जगह अगले विधानसभा चुनाव तक कांग्रेस ले लेगी।