“पठान ” फिल्म की पूरे विश्व में 1000 रूपये की कमाई करने जा रही है इसका बडे़ जोर-शोर से हल्ला किया जा रहा है ।यह सच है कि पठान ने रिलीज के एक माह पूरा होने तक 1000 हजार करोड़ की कमाई को पूरा कर लेगा ।मैने भी सातवें दिन तक फिल्म की कमाई से प्रभावित होकर अपने बेटे सनी ,जो फिल्म देखने जा रहे थे,के कहने पर फिल्म देखने चला गया ।फिल्म देखने के दरम्यान मुझे पता नहीं क्यों ये लगता रहा कि कि क ई पुरानी फिल्मों और तीन चार न ई फिल्मों के टुकडे़ जोड़- तोड़ कर और कांट छांट कर बनाई गयी फिल्म देख रहा हूं ।आजकल लोगों को ,खासकर फिल्मकारों को फिल्म में देशभक्ति की चाशनी चढाने का या जबरदस्ती की देशभक्ति का डायलाग बाजी दिखाने का डोज दिखाने का जैसे होड़ सी मची हुई है,पहले भी देशभक्ति की फिल्में बनती थीं लेकिन उसमें वह ऐसी पृष्ठभूमि वाली फिल्मे होती थीं अब तो ऐसे डायलाग लगता है,जानबूझ कर जबरदस्ती के ठूंसे गये लगते हैं कभी पुरानी फिल्म फाईव राईफल्स ,कभी जौहर महमूद इन गोवा, कभी ललकार ,कभी केजीएफ-2 और कभी ब्रम्हास्त्र और काफी कुछ टाईगर जिंदा है नजर आती है( सिर्फ रोमांचक और फाईटिंग सीन की टेक्नालाजी इस फिल्म में काफी उच्च स्तरीय है) , मुझे फिल्म देखने के बाद बहुत कोफ्त हुई,पूरी फिल्म मुझे बकवास लगी कि आखिर फिल्म इतनी सुपर हिट कैसे हुई और अब तो एक हजार करोड़ कमाने जा रही है फिल्म देखने के बाद मैने अपने पुत्र सनी से जिनकी उम्र करीब 34 वर्ष् होने जा रही है टाटा कम्पनी में अच्छे पद पर हैं,पूछा तुम्हे फिल्म कैसी लगी तो उन्होने कहा, मजा आगया ,बहुत अच्छी फिल्म हैफिर उन्होने मेरी राय पूछी तो मैने कहा बकवास है पूरी फिल्म में कोई लाजिक ही नहीं है,जिस काम को पूरी भारतीय फौज नहीं कर पाती उसे एक अकेला कर डालता है।बेटे ने हंसते हुए कहा जनरेशन गैप है पापा, अब ऐसी ही फिल्में चलनी है,विदेशी फिल्मो जैसी सुपर मैन वाली फिल्मे।मुझे पुरानी फिल्मों और उनके उद्देश्य नजर आने लगे लेकिन उन बातों का कोई मतलब नहीं रह गया ,समझ में आ गया खैर अब एक-दो दिनों में फिल्म 1000 हजार करोड़ रूपये कमाने वाली पांचवीं फिल्म बन जाएगी।इससे पहले फिल्म दंगल ने वैश्विक स्तर पर 1968.3 करोड़, बाहुबली-2 ने 1747 करोड़ रूपये, केजीएफ-2 ने 1188 करोड़ रूपये,और आर आर आर ने1174 करोड़रूपये के बाद पठान 5वीं फिल्म 1000 हजार करोड़ रूपये कमाने वाली बनने जा रही है। अब बात करते हैं उन फिल्मों की जिन्होने महीनों ,सालों लगातार सिनेमाहाल से उतरती ही नहीं थी ,लगातार चलती रहीं उस जमाने में एक-दो लाख एक करोड़ के बराबर हुआ करते थे और सिनेमा की दरें40 पैसा,एकरूपया,दो रूपया और ढाई रूपया हुआ करते थे। मुगले आजम, मदर इंडिया,गंगा जमुना, राम और श्याम ,उपकार, आरजू एक फूल दो माली, आराधना शोले ,सीता और गीता, सच्चा झूठा,दीवार आदि जैसी फिल्मों की कमाई के रिकार्ड का हिसाब कैसे पता चलेगा,कोई इसे बताने वाला है कोई ? सम्पादकीय News51.in