असंतुष्ट लोगों को बहुत ज्यादा मनाने से हाई कमान का न केवल रूतबा कम होता है बल्कि बगावत को और ज्यादा बढावा मिलता है” आज यह बेहद महत्वपूर्ण बात पंजाब कांग्रेस के महत्व पूर्ण नेता सुनील जाखड़ ने सोनिया गांधी के लगातार कांग्रेसी असंतुष्टों जी- 23 के नेताओं से लगातार बुला-बुला कर बात करने और उन्हें मनाने की कवायद पर बोले। उन्होंने कहा कि उनकी बात सुनने में कोई हर्ज नहीं है लेकिन असंतुष्टों को बहुत ज्यादा तवज्जो देने से हाई कमान का महत्व घटता है बल्कि इससे बगावत को और ज्यादा बढावा भी मिलता है। और कार्यकर्ताओं में भी निराशा बढेगी। सोनियां गांधी ने मनीष तिवारी विवेक तन्खा जैसे नेताओं को बातचीत के लिए बुलाया था जो गांधी नेहरु परिवार की अगुवाई में कांग्रेस की हार पर उंगली उठा रहे हैं। इसी पर उन्होंने यह शायरी भी कही *”झुककर सलाम करने में क्या हर्ज है, इतना भी सर मत झुकाओ कि दस्तार गिर पड़े”। सुनील जाखड़ पंजाब विधान सभा चुनाव में भी अपनी बेबाक राय देते रहे हैं उन्होंने न केवल चरनजीत सिंह चन्नी और नवजोत सिंह सिद्धु के विरुद्ध अपनी बात कहने की हिम्मत की थी बल्कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह को भी नहीं बक्शा था।
झुक कर सलाम करने में क्या हर्ज है, सर इतना भी मत झुकाओ कि दस्तार गिर पड़े -सुनील जाखड़
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