Thursday, December 5, 2024
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छठ पूजा की शुरुआत कैसे हुई, आखिर क्यूँ इसे बिहार में सबसे ज्यादा लोकप्रिय माना जाता है?

धार्मिक मान्यता के अनुसार माता सीता ने सबसे पहले बिहार के मुंगेर जिले में गंगा नदी के किनारे छठ पूजा कर इसकी शुरूआत की थी। इसीलिए बिहार के अन्य जिलों में यह छठ पूजा की लोकप्रियता बढती गयी और पूरे बिहार में धूम-धाम से मनाया जाने लगा ।चूंकि माता सीता ने मुंगेर जिले में गंगा नदी के किनारे छठ पूजा पहली बार की थी और प्रमाण स्वरूप सीता मां के चरण चिन्ह आज भी वहाँ मौजूद है इसलिए मुंगेर जिले में इसका विशेष महत्व है।बिहार से सटे पूरे उत्तर प्रदेश में भी कुछ ही सालों में फैल गया। जब उत्तर प्रदेश और बिहार के लोग अन्य राज्यों में कामकाज और रोजी-रोटी की तलाश में जाकर बसने लगे तो इस छठ पूजा की लोकप्रियता अन्य राज्यों जैसे महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीस गढ झारखंड आदि हिंदीभाषी क्षेत्रों में यह महिलाओं में बेहद लोकप्रिय हो गई। यह पूजा नदी तट पर दो दिवसीय होती है और महिलाऐं इसे बड़े ही चाव और आस्था के साथ मनाती हैं वाल्मीकि रामायण के अनुसार माता सीता ने मुंगेर जिले में गंगा नदी के किनारे छह दिनों तक छठ पूजा की थी। रावण वध के बाद 14 साल का वनवास काटने के बाद अयोध्या लौटे भगवान श्री राम ने रावण वध के पाप से मुक्ति के लिए ऋषियों और मुनियों के आदेश पर भगवान श्री राम ने राजसूय यझ करने का निर्णय लिया और मुग्दल मुनि को आमंत्रण भेजा गया उन्होंने स्वयंम न आकर भगवान श्री राम को माता सीता के साथ अपने आश्रम में आने का निर्देश दिया और तब ही मुंगेर की ऐतिहसिक नगरी श्री राम के साथ पहुँच कर छह दिनों तक छठ पूजा की थी। लेख द्वारा -अशोक कुमार श्रीवास्तव, News 51.in

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