आज हम चुनावी चर्चा -7 में चौथे चरण में होने वाले उन राज्यों पर चर्चा करेंगे जहाँ चौथे चरण में सभी सीटों पर मतदान समाप्त हो जाएगा। ये राज्य हैं जम्मू कश्मीर ,उड़ीसा, महाराष्ट्र। जम्मू कश्मीर में 6 सीट है जिसमें पहले चरण में 2,दूसरे चरण में 2, तीसरे चरण में 1 सीट पर मतदान हो चुका है। और चौथे चरण में 1 सीट पर मतदान होना शेष है इसी प्रकार उड़ीसा में कुल 21 लोकसभा सीट है जिसमें पहले चरण में 4,दूसरे चरण में 5,तीसरे चरण में 6 सीट पर मतदान हो चुका है और चौथे चरण में 6 सीट पर मतदान होना शेष है। इसी प्रकार महाराष्ट्र में कुल 48 सीट है जिसमें पहले चरण में 7,दूसरे चरण में 10 सीट पर ,तीसरे चरण में 14 सीटों पर मतदान समाप्त हो गया है और चौथे चरण में महाराष्ट्र की 17 सीटों पर मतदान होना शेष है।
1- जम्मू कश्मीर में कुल 6 सीटें लोकसभा की है 2014 के मोदी लहर में 3सीट भाजपा और 3 सीट पर पीडीपी ने चुनाव जीता था। बाद में विधान सभा चुनाव के बाद किसी भी दल को बहुमत नहीं मिलने पर , दोनों ने मिलकर जम्मू कश्मीर में सरकार बनाई और लगभग 4 साल के बाद जब भाजपा को लोकसभा चुनाव की याद आई तो पीडीपी से येनकेन सरकार से समर्थन वापस लेकर अपनी पार्टी का पीछा तो छुडाया। भाजपा का तो थोड़ा लेकिन पीडीपी का भाजपा के साथ सरकार चलाना बहुत ही भारी पड़ गया है। क ई राजनीति के जानकारों, विशेषकर जम्मू कश्मीर की राजनीति में गहरी रूचि रखने वालों के अनुसार पीडीपी ने भाजपा के साथ मिल कर जो सरकार बनाई उससे वहाँ के लोगों में महबूबा मुफ्ती के प्रति गहरी नाराजगी है पिछली बार भाजपा को33 प्रतिशत वोट के साथ 3सीटें मिली थी किंतु इस बार उसे एक सीट का नुकसान होता दिख रहा है। इसी प्रकार पीडीपी ने 21 प्रतिशत मत हासिल कर 3 सीट पाई थी। किंतु इस बार उसे एक भी सीट नहीं मिलने वाली है हालांकि वह काफी बढ़चढ़ कर बयान बाजी कर रही हैं। नेशनल कान्फ्रेंस को 2014 में 11 प्रतिशत मत मिले थे किंतु एक भी सीट नहीं मिली थी पीडीपी की जनता से नाराजगी का लाभ उसे मिलने जा रहा है और वह कम से कम 1 और अधिक से अधिक दो सीट पा सकती है। रही कांग्रेस की बात, तो वह 2014 में 23प्रतिशत मत(पीडीपी से अधिक) पाकर भी एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। इस बार वह काफी मजबूती से लड रही है और उसे कम से कम 2 सीट अवश्य प्राप्त होनी चाहिए।
2- उड़ीसा -उड़ीसा में कुल 21 लोकसभा सीटें हैं जहाँ प्रथम चरण में 4, दूसरे चरण में 5 , तीसरे चरण में 6 सीटों पर मतदान समाप्त हो चुका है और चौथे चरण में बची शेष 6 सीटों पर 29 अप्रैल को मतदान होना है ।
उड़ीसा और पश्चिम बंगाल दो ऐसे राज्य हैं जहाँ भाजपा बहुत आशा भरी निगाह लगाऐ हुए है और यहाँ हुए निकाय चुनाव ने उनकी आशा को और भी धार दी है। यहाँ कभी कांग्रेस का बोलबाला था लेकिन नवीन पटनायक के वहां राज्य की बागडोर सम्भालने के पश्चात से आज तक कांग्रेस के किसी शीर्ष नेतृत्व ने उड़ीसा में कांग्रेस की मजबूती का प्रयास नहीं किया, जबकि पिछला लोकसभा चुनाव जीतने के बाद भाजपा ने धीरे -धीरे वहाँ अपना पांव जमाना शुरू किया। नवीन पटनायक को यह विश्वास नहीं था कि भाजपा उनके किले पर चढाई करेगी क्योंकि वह आज तक एनडीए का हिस्सा रही है अब भाजपा ने खुलकर नवीन पटनायक की पार्टी बीजद पर हमला बोला है। नवीन पटनायक का अबतक सबसे बड़ा विरोध कांग्रेस से था।
पिछले चुनाव में बीजद को 20 और भाजपा को मात्र 1 सीट मिली थी। किंतु तब से लेकर आज तक भाजपा ने लगातार वहाँ अपनी मजबूती पर काम करती रही है सम्भवतः नवीन पटनायक को भी अपनी हार का एहसास हो गया है शायद इसीलिए उन्होंने अपना अंतिम हथियार महिलाओं को चुनाव में 33 प्रतिशत आरक्षण देने का बिल विधान सभा से लोकसभा में भेज दिया है और यह भी कहा है कि वह महिलाओं को इसी चुनाव में आरक्षण के आधार पर टिकट देंगे। यह कितना कारगर होगा यह भविष्य के गर्त में है फिलहाल राजनीति के जानकारों और उड़ीसा की राजनीति में गहरी पकड रखने वालों के अनुसार 21 लोकसभा सीटों में से कमसेकम 12 और अधिक से अधिक 13 सीट भाजपा को मिलती दिख रही है कांग्रेस को 2और बीजद को 6 सीट मिलने की पूरी संभावना है।
उडीसा में विधानसभा चुनाव भी साथ ही हो रहे हैं। वहाँ विधानसभा की 147 सीटों पर भी चुनाव हो रहा है। यह साफ है नवीन पटनायक की सरकार जा रही है और वहाँ पहली बार भाजपा अपनी सरकार भारी बहुमत से बनाने जा रही है।
3- महाराष्ट्र – महाराष्ट्र में लोकसभा की कुल 48 सीटें हैं जहाँ पिछले लोकसभा चुनाव 2014 के मोदी लहर में यहाँ भी कांग्रेस एनसीपी गठबंधन बुरी तरह चुनाव हार गया था और विधानसभा चुनाव में भी भाजपा और शिवसेना गठबंधन ने जीत हासिल कर सरकार बनाई। पिछले चुनाव में भाजपा शिवसेना गठबंधन ने 42 सीटें हासिल की थी और कांग्रेस को मात्र 2,एनसीपी को मात्र 4 सीटें मिली थी। किंतु इस बार परिस्थितियां अलग है मोदी लहर भी नहीं है। फिर भी भाजपा गठबंधन कुछ मजबूत नजर आ रहा है किंतु राजठाकरे की मनसा और क ई कद्दावर उम्मीदवार उतार कर कांग्रेस ने भाजपा को मुश्किल में डाल दिया है।
पहले चरण में 7, दूसरे चरण में 10, तीसरे चरण में 14 सीटों पर मतदान समाप्त हो चुका है। बाकी बची 17 सीटों पर 29 अप्रैल को चौथे चरण का मतदान होना है।
भाजपा ,शिवसेना, रामदास आठवले की पार्टी के गठबंधन का कांग्रेस और एनसीपी तथा अंदरखाने मनसे समर्थित गठबंधन के बीच मुकाबला है। भाजपा 25और शिवसेना 23 सीटों पर चुनाव लड रहे हैं।
इसबार कांग्रेस ने भी काफी अच्छे से गोटी बिछाई है फिर भी मुकाबला थोड़ा भाजपा के पक्ष में है। तमाम एजेंसी और न्यूज चैनलों, महाराष्ट्र की राजनीति में गहरी रुचि रखने वालों के अनुसार भाजपा को 17 सीट और सहयोगी शिवसेना 13सीट जीतने की सम्भावना जताई जा रही हैं उधर कांग्रेस एनसीपी गठबंधन 18 सीटों पर चुनाव जीतने की संभावना जताई जा रही है।
सम्पादकीय —