आज हम दूसरे चरण में पांडुचेरी की इकलौती सीट और त्रिपुरा की एक मात्र सीट (एक सीट पर प्रथम चरण में ही चुनाव हो चुका है) पर चुनाव 18 अप्रैल को होना है इसके बाद इन दोनों राज्य का मतदान खत्म हो जाएगा।
सबसे पहले पांडुचेरी की इकलौती सीट पर बात की जाय तो वहाँ से 9 बार कांग्रेस चुनाव जीत चुकी है। 2014 में एनडीए की समर्थक पार्टी आल इंण्डिया एन आर के आर. राधा कृष्णन ने चुनाव जीता था किंतु पिछली बार वहाँ डीएमके और कांग्रेस ने अलग -अलग चुनाव लडा था। पिछली बार दोनों का वोट मिलाकर राधाकृष्णन से ज्यादा वोट था। पिछली बार मोदी लहर भी थी। इस लिए इस बार एनडीए समर्थक उम्मीदवार के लिए राह बहुत ही कठिन है।
अब त्रिपुरा की चर्चा करते हैं वहां लोकसभा की दो सीट है जिसमें एक पर (त्रिपुरा पश्चिम) जिसमें राजधानी अगरतला भी आती है, पर पहले चरण में मतदान हो चुका है जिसपर लगभग 81 प्रतिशत वोटिंग हुई थी।दूसरे चरण के मतदान 18 अप्रैल को दूसरी लोकसभा सीट त्रिपुरा पूर्व पर चुनाव होना है। लगभग दो वर्ष पूर्व हुए विधान सभा चुनाव में भाजपा ने इतिहास रचते हुए पहली बार वहाँ सत्ता में आई थी। वह मोदी लहर का ही कमाल था इस बार लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने वहाँ की क्षेत्रीय पार्टी आईएनपीटी से गठबंधन किया है और एक -एक सीट पर दोनों चुनाव लड रहे हैं। अब देखना दिलचस्प है कि इस बार वहाँ क्या होता है।