Saturday, July 27, 2024
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—चुनावी चर्चा ,एक (1)—

आप सभी मित्रों को 20 मार्च से राज्य वार चुनावी चर्चा की बात और सम्भावना पर विस्तृत जानकारी देने का प्रयास करना चाहा था किन्तु किन्हीं कारणों से उस समय सम्भव नहीं हो पाया था ,जिसे आज से प्रारम्भ किया जा रहा है।
11 अप्रैल को पहले चरण का मतदान जिन राज्यों में एक ही चरण में होना है हम पहले उन्हीं राज्यों की चुनावी चर्चा और सम्भावित नतीजों पर बात करेंगे ।
11 अप्रैल को आन्ध्र प्रदेश की (25 सीट), उत्तराखंड की (5 सीट), अरूणाचल की (2 सीट),मेघालय( 2 सीट),मिजोरम (1सीट) ,सिक्किम (1सीट),तेलंगाना( 17 सीट),लक्षद्वीप (1सीट),अंडमान निकोबार( 1सीट)पर चुनाव होने हैं। उपरोक्त दी गई राज्यों में उतनी ही सीटें हैं यानि उपर दिए गए राज्यों में 11 अप्रैल को ही मतदान की प्रक्रिया सम्पन्न हो जायेगी।
हम शुरुआत उत्तराखंड की पांचो लोकसभा सीटों से करते हैं। उत्तराखंड में कुल 5 लोकसभा की सीटे हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी की आंधी में उत्तराखंड की पांचो सीट पर भाजपा ने विजय हासिल किया था उसके पश्चात जब विधान सभा का चुनाव हुआ उस समय कांग्रेस के हरीश रावत मुख्य मंत्री थे उनका काम भी ठीक -ठाक था और कांग्रेस को भी हरीश रावत के काम और उनकी लोकप्रियता पर बड़ा भरोसा था। किन्तु उस समय प्रधान मंत्री मोदी ने उत्तराखंड की जनता को यह बताया कि केन्द्र में हमारी सरकार है और राज्य के विकास के लिए यहां भाजपा की सरकार होना आवश्यक है यानि डबल डेकर की सरकार होगी तो इस राज्य में तेजी से और दुगनी गति से विकास होगा। जनता ने मोदी जी की बात पर उत्तराखंड के विधान सभा चुनाव में हरीश रावत की कांग्रेस को उखाड़ फेंका। वहां भाजपा की सरकार बनी और त्रिवेंन्दर सिंह रावत मुख्य मंत्री बने।
हालांकि पिछले लोकसभा 2014 के चुनाव में मोदी की आंधी में कांग्रेस के बड़े -बड़े दिग्गज उड गए। उस समय प्रधान मंत्री मोदी ने ऐसे -ऐसे वादे जनता से किये जो लगभग असंभव थे लेकिन तब जनता कांग्रेस की महंगाई, भ्रष्टाचार और अन्य कारणों से अलोकप्रिय हो गई थी। और मोदी उस समय जनता के बीच अपने आक्रामक भाषणों से लोगों के बीच छा गए और जनता को उनमे न ई उम्मीद नजर आई थी। इस बार स्थिति एक दम उलट है। कांग्रेस महंगाई, राफेल डील में कथित भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, किसानों की विकट समस्याओं और महिला सुरक्षा पर आक्रामक है तो बीजेपी हिन्दू मुस्लिम कार्ड खुलकर खेल रही है सेना की एअर स्ट्राइक और राष्ट्र वाद की तरफ कांग्रेस के हमले को मोड रही है।
उत्तराखंड में इस बार कम से चार सीट ऐसी है जहां पर कडा मुकाबला दोनों दलों के बीच है। हालांकि बसपा और समाजवादी पार्टी ने भी तालमेल कर प्रत्याशी खड़े किए हैं लेकिन मुख्य लड़ाई भाजपा और कांग्रेस के बीच ही है। नैनीताल से कांग्रेस के हरीश रावत के मुकाबले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट, अल्मोडा की आरक्षित सीट पर भाजपा के अजय टम्टा और कांग्रेस के प्रदीप टम्टा, टिहरी गढवाल से भाजपा के माला राज लक्ष्मी का कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, पौडी गढवाल से भाजपा के तीर्थ राज सिंह रावत का कांग्रेस के मनीष खंडूरी (पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चन्द्र खंडूरी के बेटे,) और हरिद्वार से भाजपा के रमेश पोखरियाल निःशंक, पूर्व मुख्यमंत्री का कांग्रेस के अम्बरीष कुमार के बीच ही मुकाबला है।
यहां विभिन्न स्रोतों से पता करने पर पता चलता है कि टिहरी गढवाल की सीट कांग्रेस के पास जा रही है क्यों कि माला राज लक्ष्मी पिछला चुनाव जीतने के बाद से उन्होंने क्षेत्र में कुछ भी नहीं किया है और वहाँ की जनता उनसे बेहद नाराज हैं। बाकी नैनीताल और अल्मोडा सीट पर भी कांटे की टक्कर है फिलहाल अगर कोई विशेष बात नहीं हुई तो इस बार मुकाबला 4 भाजपा और एक सीट कांग्रेस के पास जा रही है।
अगली चुनावी चर्चा कल आंध्र प्रदेश और तेलंगाना प्रदेश की होगी। कृपया अवश्य पढने के पश्चात अपने मंतव्य से अवगत कराने का भी कष्ट करें।
— क्रमशः —

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