विलक्षण प्रतिभा के धनी वर्तमान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपनी प्रतिभा लगन और विशाल अनुभव के बलबूते पर वह करके दिखा रहे हैं, जिसकी कल्पना कांग्रेस और अन्य दल तो क्या स्वयंम भाजपा नेताओं ने भी ये कल्पना नहीं की थी कि वो रणनीति बनाने में सबसे माहिर भाजपा नेतृत्व की के तुलना में मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस में अपनी अलग शैली की रणनीति बनाते हुए न केवल कांग्रेस में एक नयी जान फूंक दी है वरन 2024 के लोकसभा चुनाव और उसके पहले पांच राज्यों में होने वाले विधान सभा चुनावों की तैयारियों में भाजपा के समकक्ष ला खडा़ किया है।कर्नाटक के गरीब अनुसूचित परिवार मे
अ खड़गे 21 जुलाई 1942 को पैदा हुए थे 2020 से राज्यसभा सांसद हैं छात्र राजनीति से अपने राजनीतिक जीवन की शुरूवात की और” ला” की पढाई करने के बाद वकालत करने के दरम्यान कांग्रेस से जुडे़। कांग्रेस सरकार में विभिन्न पदों पर रहे। गांधी परिवार के बेहद विश्वसनीय हैं कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद भी गांधी परिवार से सलाह मशविरा लेते हुए सदैव उनकी बातों और सलाह को प्राथमिकता पर रखते हैं।उन्होने देखा कि हर राज्यों में कांग्रेस संगठन बिखरा पडा़ है 15-20 सालों से संगठन में तमाम जगह खाली पडी़ हैं उन्होने राज्यवार बैठक में राज्यों के बडे़ नेताओं से राज्यवार फीड लेकर खाली सभी पदों को भरने का कार्य राज्य इकाई की इच्छानुसार किया (चाहें ब्लाक अध्यक्ष से लेकर जिला अध्यक्ष तक) नियुक्तियां की गयी ।जिन राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष कमजोर हैं, उन्हे बदला गया।कार्यकुशल प्रदेश प्रभारी बनाये गये कांग्रेस के छात्र इकाई (एन एस यू आई )का राष्ट्रीय अध्यक्ष तेज तर्रार कन्हैया कुमार को बनाया गया।आईटी सेल का इंचार्ज बदल कर सुप्रिया श्री नेत को बनाकर उसे सक्रिय किया गया। पवन खेडा़ को मीडिया सेल का अध्यक्ष बनाया गया इसी प्रकार मिजोरम,राजस्थान, छत्तीश गढ, आदि राज्यों के संगठन का पुनर्गठन किया गया और वहां के नेताओं के आपसी झगडो़ं को सुलझाया गया। विपक्षी एकता में भी खरगे हिस्सा ले रहे हैं और राहुल गांधी भी उनके सानिध्य में रहकर कैसे सिलसिलेवार काम किया जाता है और संगठन को मजबूत किया जाता है, सीख रहे हैं क्योंकि किसी भी दल के।लिए बिना संगठन की मजबूती के कुछ भी सम्भव नहीं है। लगभग 80 वर्षीय खड़गे जी बेहद परिश्रम कर रहे हैं । जिस प्रदेश का संगठन मजबूत है पूरी उसे आजादी और छूट दी गयी है। राहुल गांधी मेहनत तो करते थे लेकिन अकेले ही सब कर।लेना चाहते थे, पार्टी की प्रेस कांफ्रेंस खुद करते थे।किसी राज्य में किसी घटना में स्वयंम पहुंच जाते थे, जबकि प्रदेश अध्यक्ष को भेजा जाता है, जिस प्रदेश की घटना होती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है, जिस का जो काम है, पूरी मुस्तैदी से कर रहा है, प्रदेश नेता स्वयंम अपने राज्य में पार्टी को मजबूत करते हैं जरूरत पड़ने।पर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी और खड़गे जी उन राज्यों में प्रदेश संगठन की भरपूर मदद दे रहे हैं इसका उदाहरण हिमांचल, कर्नाटक, हरियाणा ,राजस्थान,मध्यप्रदेश तेलंगाना,छत्तीसगढ, मिजोरम, बिहार में दिख रहा है। शीघ्र ही अन्य राज्यों खासकर दिल्ली, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, ओडि़शा, झारखंड , यूपी और पूर्वोत्तर राज्यों पर भी बैठक कर वहां कांग्रेस को मजबूत करने का भी निर्णय लेंगे, सम्भवतः 18 जुलाई को विपक्षी दलों की बैठक के बाद इसकी शुरूवात खड़गे जी करेंगे । सम्पादकीय-News.in