कर्नाटक चुनाव सम्पन्न हो गया है । आगे मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ, तेलंगाना के अलावा राज स्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलौत तथा सचिन पायलेट की आपसी तकरार का स्थाई समाधान के अलावा दिल्ली प्रदेश में लोकसभा चुनाव से पहले अपने संगठन में आमूल चूल परिवर्तन के लिए वहां तेज तर्रार कांग्रेस अध्यक्ष की नियुक्ति करना भी अवश्यमभावी माना जा रहा है।छत्तीशगढ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल वहां कांग्रेस का बेहद लोकप्रिय चेहरा हैं उन्होने वहां काफी काम भी किया है इसलिए छत्तीशगढ में कांग्रेस काफी श्रमजबूत है,मध्य प्रदेश में भी दिग्विजय सिंह और कमलनाथ की जोडी़ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की नींद हराम कर रखी है और भ्रष्टाचार से वहां की जनता बहुत आक्रोश मे है। तेलंगाना में प्रियंकागांधी की सफल रैली और वहां के बनाए गये प्रदेश प्रभारी ऐ रेवंत रेडडी लगातार पद यात्रांएं निकाल रहे हैं और वहां की के चंद्रशेखर राव की सरकार भी वहां बैकपुट पर है। शीला दिक्षीत के समय 15 साल तक कांग्रेस सरकार में रहने के बाद से केजरी वाल की सरकार मजबूती से जमी हुई है। कांग्रेस ने अब दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष को हटाने का मन बना लिया है वर्तमान कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी का एम सीडी चुनाव में कांग्रेस के शर्मनाक प्रदर्शन केबाद हटाया जाना तय माना जा रहा है नये अध्यक्ष के लिए तीन नाम चल रहे हैं अरविंद सिंह लवली,भूपेंद्र यादव और कन्हैया कुमार ,इन तीनों मे कन्हैया कुमार सबसे तेज और संगठन चलाने के साथ ही अरविंद केसरीवाल को टक्कर देने में सक्षम माना जा रहा है साथ ही भारत जोडों यात्रा में राहुल गांधी के साथ-साथ रहे। सम्पादकीय-News51.in
कर्नाटक के बाद कांग्रेस ने अपना फोकस मध्यप्रदेश, राजस्थान ,तेलंगाना छत्तीसगढ के अलावा दिल्ली पर भी नजरें जमाई।क्या कन्हैया कुमार को दिल्ली की कमान मिलने जा रही ?
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