निषाद समुदाय के लोगों के अनुसार उ0प्र0 में उनकी आबादी 14-15 फीसदी है। सभी पार्टियों ने इस समुदाय को अपने -अपने पक्ष में करने के लिए प्रयास करने और रिझाने का काम करना शुरू कर दिया है। दस्यु सुंदरी फूलन देवी को एक समय सपा ने लोकसभा का टिकट दिया था फूलन देवी सांसद भी बनी थीं उस समय सपा के पक्ष में निषाद समुदाय पूरी तरह सपा के पक्ष में लामबंद था। उनकी हत्या के बाद धीरे-धीरे यह समुदाय क ई दलों में विभक्त हो गया। निषाद पार्टी नामक दल ने भाजपा के साथ गठबंधन किया है तो एक अन्य निषादों के दल ने सपा के साथ गठबंधन कर लिया है वहीं प्रियंका गांधी ने गोरखपुर में गुरू गोरखनाथ के गुरू मत्सयेंद्र नाथ के नाम पर विश्वविद्यालय की स्थापना का वादा किया है तथा निषाद समुदाय के लिए गंगा किनारे खनन के अधिकारों को लेकर तथा निषादों की अन्य मांगों को लेकर लगातार आंदोलन चला रही हैं। उत्तर प्रदेश के अलग- अलग क ई विधान सभा क्षेत्रों में निषाद समुदाय (केवट, बिंद, मल्लाह ,निषादों) की संख्या करीबन दस हजार से चालीस हजार के आसपास है इसी के चलते निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद लगभग एक दर्जन विधान सभा सीटें गठबंधन में भाजपा से मांग रही है वहीं कांग्रेस प्रियंका गांधी के निषादों के पक्ष में उनकी मांगों को लेकर आंदोलन के सहारे निषादों में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है अब निषाद समुदाय किस तरफ अपने वोटों का इस्तेमाल करता है यह चुनाव में ही मालूम होगा। सम्पादकीय