लखन ऊ(18 अप्रैल) – कानूनी संरक्षण के कारण आवारा कुत्तों के खिलाफ कार्रवाई न कर पाने से लाचार नगर निगम अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटायेगा, हालांकि जो याचिका नगर निगम दाखिल करेगा वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ ही होगा जो सुप्रीम कोर्ट ने कुत्तों की सुरक्षा के लिए ऐनिमल्स वेलफेयर बोर्ड आफ इंडिया को नियम बनाने के सम्बन्ध में दिया था जिसमें आवारा कुत्तों को मारने तथा उन्हें पकड़ कर किसी दूसरे स्थान पर छोड़ना प्रतिबंधित और असंवैधानिक माना गया था नगर निगम अब तक नियमानुसार मात्र आवारा कुत्तों का बंध्याकरण (नसबंदी) करके वापस उसी स्थान पर छोड़ देता है। आवारा कुत्तों की बढती संख्या और उनके द्वारा मनुष्यों पर और छोटे बच्चों पर घातक हमले को देखते हुए शहर के निवासी उन आवारा कुत्तों को पकड़ने की मांग कर रहे हैं। लखन ऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया की अध्यक्षता में इस सम्बन्ध में एक बैठक हुई जिसमें नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी, अपर नगर आयुक्त राकेश यादव, संयुक्त निदेशक पशु कल्याण डा़. अरविंद राव, पशु कल्याण अधिकारी डा. अभिनव वर्मा तथा नसबंदी का काम कर रही संस्था के प्रतिनिधि भी मौजूद थे जिसमें डा. अरविंद राव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार आवारा कुत्तों को पकड़ कर रखा नहीं जा सकता। इसी लिए नगर निगम सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाली है।
आवारा कुत्तों के कानूनी संरक्षण संरक्षण से लाचार नगर निगम अब सुप्रीम कोर्ट जाएगा
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