आजमगढ(10 अप्रैल) – आजमगढ में भाजपाई समझ नहीं पा रहे हैं कि विधान परिषद् के चुनाव में आखिर उन्हें किसको वोटिंग करनी थी क्या भाजपा के उम्मीदवार अरूण कांत यादव को या अब तक भाजपा में रहे यशवंत सिंह के पुत्र विक्रांत सिंह रिशू को? अंत में उन्होने किसे वोटिंग किया, यह एक विचारणीय प्रश्न है और इसका उत्तर तो मतगणना के पश्चात ही मालूम होगा लेकिन इतना तय है कि भाजपा के लिए अपने नेताओं को अरूण कांत यादव के पक्ष में वोट डलवाने के लिए उत्प्रेरित कर पाना बेहद टेढा काम रहा। हालांकि भाजपा के दिग्गज वरिष्ठ नेता सहजानंद राय और भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर सिंह को भाजपा नेताओं को अरूण कांत यादव के समर्थन में वोटिंग के लिए मनाने का कार्य सौंपा गया था,सपा ने राकेश यादव उर्फ़ गुड्डू को अपना उम्मीदवार बनाया है और विक्रांत सिंह रिशू तीसरे निर्दलीय किंतु दमदार उम्मीद वार हैं और भाजपा के वोटरों के वोट शायद रिशु और अरूण कांत में बंटने का डर भाजपा को सता रहा है। हालांकि पार्टी ने विक्रांत सिंह रिशू के पिता एम एल सी यशवंत सिंह को पार्टी से निष्कासित कर दिया है किंतु वोटरों पर इसका कितना असर हुआ है यह मतगणना के दिन ही स्पष्ट होगा। सम्पादकीय -News 51.in