Wednesday, January 15, 2025
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अच्छा ही हुआ जी- 23 के सदस्य भी भाजपा के झांसे में नहीं आये, नेहरू गांधी परिवार ही भाजपा की राह का सबसे बड़ा कांटा, सीडब्लूसी की बैठक में सोनियां गांधी पार्टी हित में परिवार सहित कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा देने तैयार, लेकिन पूरी कांग्रेस (जी- 23 सदस्यों सहित) नेहरू गांधी परिवार के साथ ,नये सिरे से संगठन को मजबूती तथा राहुल गांधी को पूर्ण सक्रिय होने व सबको साथ ले चलने की सलाह

नयी दिल्ली (13 मार्च) – कांग्रेस की पांच राज्यों में करारी हार के बाद जी- 23 के सदस्यों की गांधी नेहरु परिवार पर हमला और संगठन में बदलाव की मांग और भाजपा द्वारा कथित रूप से यह दुष्प्रचार कि, नेहरू गांधी परिवार के रहते कांग्रेस पनप नहीं सकती। लगा था कि सीडब्लूसी की बैठक काफी हंगामेदार होगी लेकिन जब बैठक की शुरुआत में ही सोनियां गांधी ने परिवार सहित कांग्रेस के सभी पदों से यह कहते हुए इस्तीफा देने की पेशकश की कि हमारे परिवार के हटने से यदि पार्टी को लाभ पहुंचता है तो वे सभी इस्तीफा देना को तैयार हैं पूरी सीडब्लूसी के सदस्य (जी- 23 के सदस्यों सहित) एक स्वर में नेहरू गांधी परिवार के साथ चट्टान की तरह खड़े दिखे। और तो और जी- 23 का नेतृत्व करने वाले गुलाम नबी आजाद ने सबसे पहले और मुखर आवाज में कहा कि सोनियां गांधी के नेतृत्व पर किसी ने अंगुली नहीं उठाई, बस सभी लोग कांग्रेस के लगातार कमजोर होती हालत को दुरूस्त न किए जाने पर चिंता जताई। प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन के लिए भाजपा समर्थकों और भाजपा को हराने वाले दल के बीच हो गई जिसका खामियाजा कांग्रेस को भुगतना पड़ा। आजाद ने कहा कि वर्तमान में भाजपा को अकेले हराना मुश्किल है वहीं राहुल गांधी ने भी स्वीकार किया कि सरकार की आलोचना तो ठीक है लेकिन भाजपा जिस तरह चुनाव लड़ रही है या लड़ा रही है उसका सामना करना कठिन है पुराने तौर तरीकों से भाजपा का मुकाबला सम्भव नहीं है हमें चुनौती के अनुरूप लड़ना होगा। सभी नेताओं ने एक स्वर में कहा कि एक व्यापक राजनितिक षडयंत्र के तहत आर एस. एस और भाजपा गांधी नेहरु परिवार पर लगातार हमला कर रहा है क्योंकि वह जानते हैं कि मात्र गांधी नेहरु परिवार ही भाजपा से लड़ सकता है और जीत सकता है आजाद ने यहाँ तक कहा कि पार्टी की चुनौतियों के मद्देनजर बदलाव और खामियों को दूर करने की मांग पर हमे विद्रोही और भाजपा का एजेंट तक कहा जाता है जब कि हमें भाजपा का एजेंट कहने वाले स्वयंम भाजपा में चले गएऔर हम आज भी पार्टी के साथ हैं

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