अखिलेश यादव ने इस बार यूपी में नये समीकरण का प्रयोग करते हुए “एम” और “वाई “समीकरण का मोह त्यागते हुए एक नये तरह का प्रयोग करते हुए पिछडा़ और अति पिछडा़ का ध्यान रखते हुए कुर्मी उम्मीदवारों पर भी फोकस रखा है।जिसका अंदाजा किसी भी दल को नहीं था जिसका नतीजा यह हुआ है कि हर लोक सभा सीटों पर उनके प्रत्याशी मुकाबले में आ खडे़ हुए हैं ।इसके अलावा मजबूत ठाकुर और ब्राह्मण उम्मीदवार भी उन्होने उतारा है। अब सपा प्रत्याशियों पर नजर दौडा़यें तो साफ दिखता है मात्र 5 यादव और 4 मुस्लिम उम्मीदवार सपा के हैं । 9 उम्मीदवार सामान्य वर्ग के हैं तथा 15 एससी तथा 29 पिछडे़ वर्ग के प्रत्याशी हैं जिनमें कुर्मी, शाक्य, मौर्य,सैनी, कुशवाहा, आदि हैं इसके अतिरिक्त कांग्रेस 17 और तृणमूल का एक प्रत्याशी भी है । अखिलेश यादव ने अपने उपर विरोधियों के हर वार को भोथरा करते हुए पीडी ए ( पिछडा़ ,दलित और अल्पसंख्यक)का विशेष ध्यान रखते हुए आधार वोट बढाने वाली जातियों पर फोकस रखा है इसी कारण उन्होने 9 सीटों पर बस्ती, प्रतापगढ, गोंडा,अम्बेडकर नगर, बांदा , लखीम पुर खीरी, पीलीभीत, कुशीनगर, श्रावस्ती में कुर्मी, पटेल, सैंथवार प्रत्याशी खडे़ किए हैं तथा 4 प्रत्याशी कैराना, सम्भल, रामपुर और गाजीपुर में मुस्लिम प्रत्याशी उतारे हैं ।इसके अलावा मात्र 4 प्रत्याशी यादव हैं उनमें आजमगढ से धर्मेंद्र यादव, मैनपुरी, बदायूं और फिरोजाबाद से यादव बिरादरी और अखिलेश परिवार के सदस्य हैं जबकि यादव और मुस्लिम सपा का कोर वोटर है इसीकारण पीडी ए समीकरण का अखिलेश यादव ने विशेष ध्यान रखा है । इसी तरह 6 लोकसभा सीटोंआंवला, फरूखाबाद, बिजनौर, ऐटा, फूलपुर, जौनपुर मे मौर्य, शाक्य, सहनी, कुशवाहा तथा गौतम बुद्ध नगर से गुर्जर,अकबर पुर से पाल , सुल्तानपुर, मिर्जापुर , संतकबीर नगर, गोरखपुर से निषाद उम्मीदवार, मुजफ्फरपुर तथा अलीगढ से जाट उम्मीदवार, दिये हैं इसके अलावा फैजाबाद और मेरठ जैसी सामान्य सीट पर अनुसूचित जाति के अवधैश प्रसाद और सुनीता वर्मा को टिकट देकर उनकी महत्ता को बढाया है ।इसी प्रकार बागपत और डुमरियागंज में ब्राह्मण प्रत्याशी उतारा है तथा चंदौली और धौरहरा में ठाकुर प्रत्याशी हैं तथा लखन ऊ, उन्नाव, बरेली, मुरादाबाद, घोसी से सामान्य वर्ग के प्रत्याशी हैं ।अखिलेश यादव ने टिकट बंटवारे में बडी़ ही सावधानी से पिछडा़ दलित और अल्पसंख्यकों के साथ ही पिछडों और अति पिछडों का पूरा ध्यान रखा है जिससे उनके साथ ही कांग्रेस को भी भरपूर लाभ की सम्भावना दिख रही है । सम्पादकीय-News51.in