इस समय सपा के दिग्गज नेता आजम खां और चाचा शिवपाल यादव की अखिलेश यादव से भारी नाराजगी विभिन्न कारणों से सुर्खियों में है। जहाँ आजम खां का परिवार जब जेल में क ई मामलों के चलते बंद थे तबसे लेकर आजतक अखिलेश यादव ने सिर्फ एक बार उनसे जेल में मुलाकात काफी आलोचना के बाद की थी और उसके बाद से आजतक उनके परिवार से(पत्नी और पुत्र) से जमानत मिलने के बाद नहीं गए थे बाद में अवश्य गए जब उनसे पहले कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढी उनके पुत्र से मिल आये तब दबाव में उनके पुत्र से अखिलेश यादव भी मिले। आजम खां के मीडिया प्रभारी फसाहत अली खां ने हाल ही में आजम खां के समर्थन में खड़े न होने के कारण कहा था कि अखिलेश यादव मुसलमानों का साथ नहीं दे रहे हैं उन्हें हमारे कपड़ों से बदबू आ रही है। आजम खां अखिलेश से अत्यंत नाराज हैं उनके करीबी और सम्भल के सांसद शफीकुर्रहमान ने भी मुस्लिमों को सपा छोड़कर किसी और दल का साथ देने की सलाह देते हुए कहा है कि भाजपा से दुश्मनी नहीं लेनी चाहिए मैने चुनाव के दौरान ही कहा था कि अखिलेश यादव मुसलमानों के हितैषी नहीं हैं उन्होंने सपा से जुड़े सभी मुस्लिम नेताओं और कार्यकर्ताओं को जल्द से जल्द सपा छोड़कर अन्य विकल्प की सलाह दी है। और कहा है कि अब इसी में भलाई है। एक समय था जब मुलायम सिंह यादव ने एम वाई फैक्टर के सहारे वर्षों तक सत्ता के शीर्ष पर रहे मुलायम सिंह यादव की प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के अन्य नेताओं से नजदीकी भी जगजाहिर है। उधर शिवपाल यादव को पार्टी फोरम पर पैदल किए जाने के बाद से मुलायम सिंह यादव के पुत्र मोह से आहत शिवपाल यादव ने अब नया रास्ता तैयार करना शुरू कर दिया है। 34 मुस्लिम सपा विधायक चुनाव जीते हैं अपनों के बागी तेवर और आंतरिक कलह से जूझ रही समाजवादी पार्टी ने शीघ्र ही पार्टी में उठी चिंगारी को शांत नहीं किया तो आने वाले लोकसभा चुनाव में सपा की दुर्गति होनी है। ———-सम्पादकीय