न ई दिल्ली – आज संसद के राज्य सभा में तीन तलाक बिल बीजेपी सरकार के तीसरे प्रयास में पास हो गया। दिन भर बहस के दौरान ही यह आभास हो गया था कि इस बार यह बिल राज्यसभा में पास हो जाएगा। कारण विपक्ष के क ई राज्य सभा सांसद भाजपा नेताओं के संपर्क में थे इसके अलावा क ई विरोधी दलों ने राज्य सभा से वोटिंग के समय बिल के विरोध में वाक आउट कर सरकार की राह और आसान कर दिया। राज्य सभा के 240 सांसदों में संजय सिंह ने राज्य सभा और कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। 239 में 56 सदस्य अनुपस्थित रहे। पीडीपी, बीएसपी, जेडीयू, एआईडीएमके जैसे मुस्लिमों की रहनुमाई करने वाले दलों ने राज्य सभा से वोटिंग के पहले वाक आउट कर सरकार की राह आसान कर दिया। शरद पवार, प्रफुल्ल पटेल जैसे नेता संसद में आये ही नहीं। तृणमूल कांग्रेस के कुछ सदस्य भी गायब रहे। इस प्रकार वोटिंग मात्र 183 सांसदों द्वारा किया गया जिसमें बिल के समर्थन में 99 वोट और विरोध में 84 वोट पड़े। आरटीआई बिल के बाद अब तीन तलाक बिल राज्यसभा से भी पास होने से यह स्पष्ट हो गया है कि विरोधी दलों में आपसी कलह है और कोई भी दल दूसरे विरोधी दल को आगे न बढने देने की कसम खाये बैठे हैं। और विरोधी दलों के तमाम नेता अपने -अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए भाजपा के सम्पर्क में रह कर काम कर रहे हैं इसी कारण अब भाजपा सरकार को राज्यसभा में भी कोई बिल पास कराने में कोई दिक्कत नही हो रही है। अब तीन तलाक बिल राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। उनकी सहमति के बाद तीन तलाक बिल गैर जमानती अपराध माना जाएगा ।आज वास्तव में मुस्लिम महिलाओं के लिए यह ऐतिहासिक दिन है।
अंततः तिसरे प्रयास में तीन तलाक बिल राज्यसभा में पास
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